Gurudwara Shri Pathar Sahib । Leh Dairies

            Did you know about Gurudwara Shri Pathar sahib ?

               (गुरू द्वारा श्री पत्थर साहिब)


   

gurudwara

Gurudwara Pather Sahib 

 लेह से २५ किमी दुर एक गुरुद्वारा स्थित है । जिसको पत्थर साहिब गुरु्वारे के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है गुरू नानदेव जी तिब्बत से लौटते हुए यहा रूके थे । 
कहा जाता हैं गुरुद्वारे का इतिहास काफी अहम है जिसमें गुरु जी ने एक राक्षक को सही रास्ते पर लाकर लोगों का भय दूर किया था।  श्री गुरु नानक देव जी 1517 ई में सुमेर पर्वत पर अपना उपदेश देने के बाद लेह पहुंचे थे। वहां पहाड़ी पर रहने वाला एक दानव लोगों को बहुत तंग करता था। लोगों ने अपने दुख को गुरु जी के सामने अपनी समस्या बताई। गुरु नानक देव जी ने नदी किनारे अपना आसन लगाया ।
 जैसे ही उस दानव को पता लगा उसने गुरूजी पर हमला करने की योजना बनाई । उसने ऊची पहाड़ी से गुरूजी पर पत्थर फेका ।उसको लगा गुरूजी पत्थर के नीचे आ गए ।
पर आश्चर्य चकित घटना घटी वो पत्थर गुरूजी के स्पर्श से पिघल गया । राक्षस ये देख कर हैरान हो गया । गुस्से में आ कर राक्षस ने पथर पर पैर  मारा और उसका पैर पत्थर में धंस गया। राक्षस को अहसास हुआ के उससे ब्बहुट बडी गलती हुई
उसने गुरूजी से क्षमा मांगी। वह पत्थर आज भी देखा जा सकता है।



A gurudwara is situated 25 km away from Leh. Which is known as Patthar Sahib Gurdwara. It is said that Guru Nandev ji stayed here while returning from Tibet. It is said that the history of the gurudwara is very important in which Guru ji had removed the fear of the people by bringing a guard on the right path. Sri Guru Nanak Dev Ji reached Leh in 1517 AD after delivering his sermon on the Sumer Mountains.
Gurudwara shri Pathar Sahib, most admire place where Guru Nanak Dev ji, founder of the Sikh religion is believed to have conquered a demon. Legend has it that once Guru Nakak ji was meditating at this place and a demon had thrown a big rock to intrupt his prayers but the big stone turned into soft wax that failed to harm him, seeing this the demon asked for penance for his deed and Guru Nanak ji forgave him. The stone with the imprint of the body of Guru Nanak Dev and the footprint of the demon is on display in Gurdwara Pathar Sahib. 

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